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चुनावी पत्रकारिता Electoral journalism

जमीनी स्तर की पत्रकारिता बिक चुकी है,  दिख चुकी है पहचान इन पत्रकारों की  चाटुकार है यह नेताओं के,  वैनिटी वैन में होगा सफर सुहाना,  चुनाव तो है सिर्फ एक बहाना, असल में है इन्हें घुमाना …

बदलता हुआ बचपन Changing childhood

बदलती सदी सा बदल रहा हूं मैं,  ढलते सूरज सा ढल रहा हूं मैं,  अंदर ही अंदर बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है,  जो बचपन था अंदर, वह यादें अब खो चुकी हैं,  धूल से भरी हुई मिट्टी, अब वह नहीं रही  जि…

जुर्म की दास्तां Crime tales

यहां मौत का नाच है,  कटे सरों का ताज है  जिंदगी सस्ती है, यहां मौत भी हंसती है,  जान लेने वाले, छीन ले निवालें  खून के प्याले, यह खून पीने वाले,  जुर्म की आग है, धधकती हुई राख है बेरोजगा…

अंतिम न्याय व्यवस्था Final judicial system

विध्वंसकारी शक्तियों की चाहत रखता हूं,  अधर्मी लालची को राख में तब्दील करता हूं,  दिव्य शक्तियों से सुसज्जित आत्मा की तीव्र चमक  गुनाहगार की आंखों में एक झलक  मौत की सरसराहट से डरता है वो  जो अधर्म …

एक और 'निर्भया' Another 'Nirbhaya'

उस परिवार के दर्द को समझकर देखो, परखकर देखो, अपनेआप को वहां रख कर देखो ये सिस्टम ये नेता अभिनेता बने बैठे हैं, संगीन अपराधी है, फिर भी हैवानियत छुपाये बैठे है गरीब की बिटिया को बेचने पे उ…

राजनीति से बिजुर्गो का सेवानिवृत्त Elderly retirement from politics

"राजनीति से बुजुर्गों को सेवानिवृत्त  हो जाना चाहिए  आखिर कब तक उस बूढ़ी संसद का अपमान करते रहेंगे हम  बेरोजगार युवाओं को नौकरी आखिर कब देंगे हम " देश बदल रहा है युवाओं साथ में…

लव शायरी LOVE SHAYARI

उसे गुरूर है अपने गोरे रंग पर,  मैं लड़का जरा श्याम सा सावला हूं, वह करती प्यार सोच समझकर,  मैं इश्क में थोड़ा बावला हूं,  मेरा दिल इश्क के दरिया सा, पर उसका दिल तो पाहन है  मेरी मोहब्बत …

उधार एक बेरोज़गार का Lending to an unemployed

इस सरकार की भी क्या मजबूरी थी,  जो मुझसे उधार लेने पर मजबूर हो गई  मैं भी तो एक बेरोजगार था,  आखिर मुझसे क्या भूल हो गई, भूल तो बस यह थी कि सरकारी नौकरी की आस थी तैयारी बहुत खास थी, वर्षों से मुझे आज…

एक बेबस पत्रकार An helpless journalist

(एक पत्रकार के विचार ) मैं भी बेबस हूं,  लाचार हूं, बेकार हूं  सरकार का करता गुणगान हूं  परिवार की खातिर देश से झूठ बोलूंगा  पैसों के दम पर ही अपना मुंह खोलूंगा  जनता अनजान रहे, जो चाहे …

सत्य की तलाश Search for truth

सत्य की तलाश है कोई नहीं मेरे आस-पास है झूठ से बिछी पड़ी लाश हैं सब हताश  है  निराश है  नहीं दिखा कोई विकास है अभी भी विश्वास है  कोई नहीं मेरे आस-पास है  सब हताश है  निराश है  आस है मुझे विश्वास है …

प्यार का इज़हार Express love

मेरे दोस्त मुझे कहते है, तू इज़हार करने से डरता है फिर क्यों उस लड़की पे इतना मरता है, प्यार का इज़हार कर, दिल की बात बताकर इस दिल को ना तड़पा, यादो में सताकर में डरता हूँ उसको इज़हार करने से, प्यार की बा…

ज्ञानचंद का ज्ञान Knowledge of gyanchand

सरकार की नाकामियों से परेशान है,  फिर भी वो सरकार का करता गुणगान है  उस ज्ञान चंद का ज्ञान महान है,  अज्ञानता से वह भी परेशान है  अंधभक्ति का पूर्ण ज्ञान है  उस ज्ञानचंद का ज्ञान महान है …

कट्टर भक्त Protestant devotee

भक्तों की कतार लगी पड़ी है ,  चुनावी नैया उस पार लगी पड़ी है  जीत का भरोसा है , भक्तों ने ही कोसा है   ये आत्मविश्वास है , जीतना ही खास है  ये भक्त वो नहीं जो आप सोचते हो  कुछ भी कर गुजर जाए , जिसे आ…

लाशों की राजनीति Politics of corpses

आंसुओं से भरी कतार है, लाचार है, बीमार है  नेताओं को इनसे प्यार है,  अनगिनत मरते हैं, मौत से गुजरते हैं  लाचारी से बीमार है, मौत का इंतजार है  अस्पताल में कमी है, कुछ मौतें थमी है  कुछ बा…

दोस्त का प्यार, और में friend's love, and i

जो मेरे साथ हुआ है शायद आपके साथ ना हुआ हो मैंने इसे कविता में लिखा है   प्यार के  किस्से ये  कहते दीवाने,  अपने बेगाने ये किस्से पुराने, दिल की बात कोई भी न जाने,  दीवाने  के प्यार का,  …
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