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ज्ञानचंद का ज्ञान Knowledge of gyanchand

सरकार की नाकामियों से परेशान है, 
फिर भी वो सरकार का करता गुणगान है 
उस ज्ञान चंद का ज्ञान महान है, 
अज्ञानता से वह भी परेशान है 
अंधभक्ति का पूर्ण ज्ञान है 
उस ज्ञानचंद का ज्ञान महान है 

ब्रह्मांड की बातें मुंह में लिए घूम रहा है 
मदिरा पिया हो ऐसे झूम रहा है 
ये ज्ञानचंद है आपकी बातें भी सुन रहा है 

"सरकार से सवाल करना भारी पड़ता है 
देशद्रोह के कलंक  से पूरा जीवन सड़ता है 
देश के विकास में योगदान हमारा भी है 
उस ज्ञानचंद के ज्ञान से भरा पिटारा भी है" 

ज्ञानचंद का ज्ञान आपको  कहीं का नहीं छोड़ेगा 
आप सवालों की झड़ी लगा देंगे 
यह आपको सवालों से ही तोड़ेगा 

इतिहास की बातें फिर से बताता 
दोहराता, सुनाता, पुरानी सरकारों की गलती बताता 
अपने आप को ज्ञानी जताता 
जवाब नहीं है इसपे, फिर भी ज्ञानचंद कहलाता 
सवालों से ये खेलता  है, 
पार्टी प्रवक्ता  है  यह सब कुछ झेलता है 

सरकार का मुलाजिम है, जवाबों से जालिम है 
सवालों को जानता है, जवाब पहचानता है 
फिर  भी यह मानता है, ये ज्ञानचंद है 
ये सबकुछ जानता है, 

ज्ञानचंद का ज्ञान सवालों से घिरा है, 
ये जवाब कभी नहीं देगा, क्योंकि 
ये सवालों मैं  ही पला बढ़ा है 
उस ज्ञानचंद का ज्ञान महान है 



इसमें ज्ञानचंद वह व्यक्ति है जो अपने ज्ञान की बातें लोगों को बताता रहता है, जिसको पूर्ण सत्य ज्ञान नहीं है, और जो खुद को यह समझता है कि हां मुझे सब कुछ पता है, ज्ञानचंद की परिभाषा यहीं तक सीमित नहीं है, जो लोग राजनीतिक पार्टी प्रवक्ता भी होते हैं, और जो लोग सड़कों पर राजनीतिक पार्टी  प्रवक्ता की भूमिका निभाते हैं, यह भी सभी ज्ञानचंद है इनके पास आपके सवालों के जवाब नहीं होंगे, पर इनके पास सवालों पर सवाल होंगे, और जब भी आप इनसे सवाल पूछोगे यह आपसे ही सवाल पूछेंगे 

एक सीमित ज्ञान को यह सब कुछ मान बैठते हैं सरकारों से सवाल पूछने वाले जो लोग होते हैं, यह उन लोगों को ही देशद्रोही मान बैठते हैं, क्योंकि इनके  पास ज्ञान का पिटारा है और वह पिटारा इतिहास को समेटे हुए हैं, हम भविष्य में नहीं जा सकते जब तक हम इस इतिहास के पिटारे को गहरे समुद्र में ना फेंक दें ।
 इतिहास की बातें दोहराई जाती है, क्योंकि पुरानी सरकारों की गलतियां बताई जाती है, पर जो सरकार अभी मौजूद है क्या वह भी अपना इतिहास ऐसे ही दर्ज कराना चाहती है, ये ज्ञानचंद अपने घमंड में जी रहा है, पर उसे नही पता उसकी मूर्खता पे कोई हंस भी रहा है ।।।


 


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