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सिस्टम का खेल System games

जो गुलाम थे आज भी गुलामी में जी रहे हैं  सत्ता तक पहुंचाने वाले अभी तक अंधेरे में ही रहे है  विचारों से गुलामी, सोच में नाकामी  मौत की भीड़ में, जनतंत्र की हानि  संक्रमण फैलाते, छुपते …

चुनावी नेता या अभिनेता Election leader or actor

यहां न्याय, न्याय नहीं धर्म है, ये तुम्हारा भ्रम है  कहने में जो शर्म है, यही तुम्हारे कर्म है  बुद्धिमान झुकते हैं ताकतवरों के आगे  जो हमको समझाते वह खुद ही नहीं समझ पाते  ज्ञानी होकर…

सच्चाई की क्रांति Revolution of truth

अगर कदम बढ़ा दिए तो पीछे क्यों हट रहे,   तुम्हारी सोच पे तुम्ही नहीं अकेले यहां चल रहे,   तुम्हीं नहीं वो जल रहे, तुम्हीं नहीं वो चल रहे,   विचारों की क्रांति में कदम सभी के बढ़ चले,   …

विद्रोह की आवाज Voice of rebellion

सीने में आग जलनी चाहिए, मेरे अंदर ना सही पर तेरे अंदर वो आग रहनी चाहिए, बतला दे समाज के हर उस तबके को तू आवाज़ उठाना जानता है, पहचानता है आखिर कौन है तू ये आग जब भड़केगी, गुस्सा चरम सीमा प…

चुनावी पत्रकारिता Electoral journalism

जमीनी स्तर की पत्रकारिता बिक चुकी है,  दिख चुकी है पहचान इन पत्रकारों की  चाटुकार है यह नेताओं के,  वैनिटी वैन में होगा सफर सुहाना,  चुनाव तो है सिर्फ एक बहाना, असल में है इन्हें घुमाना …

देशहित बनाम न्यूज़ चैनल Deshhit vs News Channel

देश में लोगों की मानसिकता इतनी ज्यादा गिर चुकी है कि हम लोग अपने देश की तुलना न्यूज़ चैनल्स की डिबेट में  पाकिस्तान से करने लगे हैं,  यह तो वही बात हो गई जैसे कि स्कूल की क्लास में 3 विद्…

चुनावों में चुनाव की समस्या Election problem in elections

जिंदगी में दूसरों पर इल्जाम लगाना बड़ा ही आसान होता है, पर अगर वैसे ही इल्जाम अगर कोई आपके ऊपर लगाएं तो आप तब समझ पाते हैं कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय कहीं ना कहीं गलत थे, और आप भी उस सच…

राजनीति से बिजुर्गो का सेवानिवृत्त Elderly retirement from politics

"राजनीति से बुजुर्गों को सेवानिवृत्त  हो जाना चाहिए  आखिर कब तक उस बूढ़ी संसद का अपमान करते रहेंगे हम  बेरोजगार युवाओं को नौकरी आखिर कब देंगे हम " देश बदल रहा है युवाओं साथ में…

NOTA एक उम्मीदवार NOTA candidate

"मेरा उम्मीदवार NOTA इस बार" आपके हर एक चुनाव में एक उम्मीदवार खड़ा होता है जिसका नाम है (NOTA) नोटा, यह चुनाव में आपके हर उम्मीदवार के सामने खड़ा होता है पर यह जीत नहीं पाता क्…

चुनावी मौसम दुबारा Election season again

हर चनाव में एक ही हमारी बदनसीबी हमेशा रहती है कि हम जातिवाद धर्म वगैरह के नाम पर दोबारा उन लोगों को सत्ता सौंप देते हैं जो सिर्फ विकास के नाम पर आप से वोट मांगने आए होते हैं, मैं किसी सरक…

उधार एक बेरोज़गार का Lending to an unemployed

इस सरकार की भी क्या मजबूरी थी,  जो मुझसे उधार लेने पर मजबूर हो गई  मैं भी तो एक बेरोजगार था,  आखिर मुझसे क्या भूल हो गई, भूल तो बस यह थी कि सरकारी नौकरी की आस थी तैयारी बहुत खास थी, वर्षों से मुझे आज…

आज का बेरोज़गार Today's unemployed

हमारे देश में बेरोजगारों की क्या दुर्दशा हो चुकी है यह आप सब जानते हैं , क्या यह एक साजिश के तौर पर किया जा रहा है कि हर चुनाव से पहले युवाओं को लुभाने के लिए एक बड़ी संख्या में रिक्तियां…

धर्म की राजनीति और आर्थिक विकास Politics of religion and economic development

दोस्तों आप आने वाले बुरे दौर के लिए तैयार रहिए, आपको मीडिया या कहीं और किसी और तरीके से नहीं पता चलेगा कि देश में क्या हो रहा है, क्योंकि मीडिया सिर्फ अब एक तरफ से आपके लिए एक मनोरंजन का साधन बन चुका…

एक बेबस पत्रकार An helpless journalist

(एक पत्रकार के विचार ) मैं भी बेबस हूं,  लाचार हूं, बेकार हूं  सरकार का करता गुणगान हूं  परिवार की खातिर देश से झूठ बोलूंगा  पैसों के दम पर ही अपना मुंह खोलूंगा  जनता अनजान रहे, जो चाहे …
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