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बदलाव की राजनीति Politics of change




हमारी देश की राजनीति में निरंतरता बदलाव आ रहा है , शायद अपने ध्यान ना दिया हो,  देश की राजनीति में जिस तरीके से बदलाव आ रहा है वह धीरे-धीरे करके या तो हमें पूर्ण तरीके से समाप्त कर देगा,  या नए भारत की ओर लेकर जाएगा पर मुझे भरोसा है कि नए भारत की तरफ ही हम जाएंगे ,
इसे मैं कहता हूं  ABC ANALYSIS ,  जिसमें 3 मुख्य राजनीतिक पार्टियां है, C सबसे पुरानी पार्टी है,  B जो रोज नई खबर लेकर आती है , और आखिर में   A जो एक राज्य में दोबारा अच्छे बहुमत के साथ है 

पहले बात करते हैं C की जो कि खस्ताहाल हालत में आज जी रही है,  यह ICU मैं भर्ती है इनके अंदर कई गद्दार बैठे पड़े हैं जो खुद की ही पार्टी को डुबोने पर तुले हुए हैं, और हो भी क्यों ना सभी को एक ना एक अच्छा पद चाहिए पर जहां परिवारवाद हावी हो वहां कोई भी निर्णय बेकार होता है,  खराब तरीके से अपने आपको प्रस्तुत करना बार-बार हर कार्य में विफल हो जाना,  यह तो एक निशानी मात्र है और कई बार बेवकूफी से भरे हुए शब्दों को कह देना जिनका कोई अर्थ ही नहीं है,   "मैं क्या समाज का हर एक नागरिक यही समझता है कि फिलहाल तो B ही ठीक है" 

एक मतदाता को क्या चाहिए इस पर इनका ध्यान बिल्कुल नहीं है,  इनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ यह देखना है की पार्टी स्वस्थ रहे,  इनको अवसर मिलने का बस इंतजार रहता है कि कब चुनाव पुनः हो और इनके अंदर आत्मा वापस आ जाए,  चुनाव नतीजों के खत्म होने के ठीक कुछ घंटे बाद यह दोबारा से उस 5 साल की कब्र में सो जाते हैं, जहां इन्हें जनता की मुसीबत सुनाई ना दे,  यह चाहते हैं कि कभी ना कभी विकल्प में हमारा तो नाम होगा ही और जब होगा तब राज करेंगे,  तब तक एक गहरी निद्रा में सो जाते हैं,  
 यह काफी पुराने हैं इसलिए यह सारी चीजें जानते भी हैं , अगर किसी मतदाता के पास सिर्फ दो विकल्प हो तो इन्हें पता है कि कभी ना कभी इनका वक्त आएगा ही,  आएगा पर मुझे लगता है ऐसे में वक्त कभी नहीं आएगा,  मखमली तकिया में सोने वालों को कहां उस सड़क में सोने वाली गरीब की परेशानियां दिखाई देंगी .


तो अब बात करते हैं B की इसमें कहने को बहुत कुछ है पर मैं पहले भी बहुत कुछ कह चुका हूं फिर भी खाली तो नहीं जाने दूंगा इसे,  C जहां सबको साथ लेकर चलने की बात कहती है पर भेदभाव बहुत करती है, वही दूसरी ओर B है जोकि एक कट्टरवादी सोच बनाकर वोटों का ध्रुवीकरण और राजनीति कर कर जनता को अच्छे से बेवकूफ बना रही है, 
कोई आम आदमी, कोई गरीब, कोई बेरोजगार, अगर कोई सवाल पूछ ले तो यह कहेंगे देश सर्वोपरि है, अगर आपने B पर सवाल उठाया तो आप देशद्रोही हो जाएंगे,  मैंने आपने  देखा है कई टीवी चैनल्स में बगैर किसी सबूतों के सरेआम किसी को देशद्रोही कह दिया जाता है, और जब भी जनता के  सवालों को पूछा जाता है, यह इतिहास की किताबें खोल के पुरानी सरकारों के हिसाब को बताना शुरू कर देते हैं,  मैं आपसे पूछता हूं आप अगर अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड लेने स्कूल जाते हैं और स्कूल वाले आपको आपके बच्चे के पिछले साल के नतीजे दिखाते हैं तो आपको कैसा लगेगा ? क्योंकि आपको तो पता है पहले से,  पर जितनी भी बार आप पूछोगे वह कहेंगे   "हमें नहीं पता"  क्या पिछले साल आपके बच्चे ने अच्छे से पढ़ाई की थी, बड़े-बड़े जुमले वादे कई लोगों को फंसा देते हैं,  कई लोग तो आज भी 15 लाख की खातिर B का साथ दे रहे हैं,  और कई लोग धर्म बचाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं,  मैं सवाल पूछूंगा उन सब से क्यों हमें देश के हर नागरिक का ख्याल नहीं रखना है जो भारत का निवासी है भारत पैदा हुआ और पला बढ़ा है क्या उसका अधिकार नहीं है,  अगर आपको नजर नहीं आ रहा है तो आप समझ ले कि आपकी आंखें बंद है, अभी तक अगर आपके इलाके का अस्पताल स्कूल विकसित नहीं हो रहा है तो समझ ले आप इनके लपेटे में आ चुके हैं, आपका दिमाग पूरी तरह से यह समझ चुका है की जो पहले से था वह ठीक ही है, आप सवाल नहीं पूछेंगे क्योंकि आपको आदत पड़ चुकी है, और अब यह आपको जवाब भी नहीं देंगे आपकी सोच अब स्वतंत्र नहीं रही है, और जो इसे स्वीकार नहीं करते वह हमेशा गलतियों को नजरअंदाज करते हैं 

तो आखिर में आता है A वैसे राजनीति भी बदल रही है,  पहले C आया उसके बाद अभी B है और आने वाले समय में A होगा,   A किसी भी धर्म की राजनीति नहीं करता और अभी तक साफ छवि बनाए हुए हैं,  मैं किसी पार्टी का समर्थन नहीं करता हूं जो काम अच्छा करता है " उसको मैं समर्थन करता हूं"  
अगर आपके सामने दो व्यक्ति हो, एक आपके सामने कहे कि मैं आपका धर्म बचा लूंगा,  और दूसरा कहे कि मैं आपको सुरक्षा के साथ-साथ आपको सारी सुविधाएं भी दूंगा,  विकास करूंगा तो आप किसकी बात मानेंगे ? जो अभी भी कट्टरवादी सोच ले के यहां तक पढ़ रहे हैं, वह सीधा "धर्म सुरक्षा" मैं जाएंगे,  परंतु उनको यह समझ नहीं आया जो दूसरा व्यक्ति है वह यह कह रहा है, सुरक्षा तो आपको  मिलेगी साथ-साथ आपको सारा विकास भी मिलेगा, तो सुरक्षा से मतलब है आपका "धर्म भी सुरक्षित" रहेगा,  सुरक्षा में वह सब चीजें आती है जो आप अपने जीवन में चाहते हो,  आपके द्वारा दिया गया हर एक पैसा जो कि आप टैक्स के द्वारा देते हैं वह सरकार पर निर्भर करता है कि कितना आप लोगों पर खर्च किया जाए और कितना प्रचार प्रसार में उड़ाया जाए,  आने वाले समय में पढ़े-लिखे जागरूक युवाओं की संख्या बढ़ने वाली है,  और मुझे यकीन है A का दबदबा केंद्र मैं होगा अभी की स्थिति से यह साफ नहीं है !


 आने वाले समय में लोग सिर्फ काम देख कर ही वोट देंगे, बड़े-बड़े चेहरे लगा के किसी को भी उस चेहरे के पीछे खड़ा करके चाहे वह कितनी भी दागदार वाली छवि का क्यों ना हो,  उस बड़े साफ चेहरे के पीछे ढक जाते हैं,   आपको चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैंउस साफ छवि के पीछे कितने ही दागदार नेता चुन ले जाते हैं, इसकी वजह भी है जो विधायक दागदार होगा उसके विरोध पर कोई उठने की हिम्मत नहीं कर पाएगा,  क्योंकि उसका उस इलाके पर खौफ कायम रहता है शायद हमें आदत सी पड़ चुकी है या वो डर हमारे अंदर अभी भी मौजूद है,   जो हम इनसे इतना डरते हैं .
भविष्य की राजनीति भी बदलने वाली है,  आने वाले कुछ सालों में ही आपको यह बदलाव नजर आएगा, और बुजुर्गों से भरी हुई लोकसभा और राज्यसभा में युवाओं का दबदबा नजर आएगा, जब युवा देश की राजनीति में उतरेंगे तभी तो वह बदलाव कर पाएंगे !!

देश की स्थिति यह हो चुकी है कि लोग समझने को तैयार नहीं है कि कौन सही है और कौन गलत,  उनको जो दिखाया जा रहा हैं वह उसे ही सच मान बैठते हैं, लोगों के सामने आधी अधूरी जानकारी परोसी जा रही है और वे सोच ना सके इसलिए इन बातों को दोहराया भी जा रहा है !

मैं चाहता हूं हर गरीब का विकास हो,  ना कि उसकी सोच में बदलाव हो,   विद्यालय अस्पतालों की भी हालत में कुछ सुधार होना चाहिए,  ना कि सत्ता के मोह मैं उन्हें भूल जाना चाहिए !!


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