Blame लगाओगे blame बताओगे
दुनिया के लिए क्या किया है मैंने ,
क्या दुनिया के लिए कर पाओगे !
तुम जैसे लोगों से दुनिया आस नहीं रख सकती ,
विकास की बात है हवा हवाई ,
तुम्हारी सरकार तो विकास भी नहीं कर सकती !
देश है अंधेरे में , गहराई से भी गहरे में ,
भेदभाव के पहरे हैं , जात पात गहरे हैं ,
विकास ही विकास है , मुद्दे में विश्वास है ,
यही अंधविश्वास है , क्या रामलला फिर खास है !
मुद्दे गरम है ,अब कहीं नहीं हम हैं
मैं हिंदू तू मुस्लिम यह भेदभाव है सिखाया ,
क्या यही था विश्वास , जो कोई कर ना पाया ,
खास बात है मुझे विश्वास है ,
अंधभक्त ना पढ़ें , मुझे यही आस है
है कोई बात है विश्वास है कोई ना कोई खास है
विकास है विकास है , काश है विकास है ।
इन्हें पैंतरा चलने की आदत है ,
दिमाग से खेलने की आदत है ,
अनपढ़ रहोगे इनको सहोगे, अंधभक्त बनकर इनको सुनोगे
कभी सोचोगे ना यह सब , जो चाहिए था वो क्या मिला ,
जो दिया उसने क्या किया भला ,
अंधभक्ति से जागो किसी के पीछे मत भागो !!
शुरू की 2 और 3 पंक्ति हमारे उन स्वतंत्रता सेनानियों के लिए क्योंकि आज के दौर में यह पंक्तियां किसी और के लिए सही नहीं बैठती
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