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पहचान एक शुरुआत Identity a beginning

 
कई देशों में कई कंपनियां नई उभरती हैं पुरानी बंद होती हैं,  यह एक प्रक्रिया है जिसका हिस्सा हर कोई बनता है,  चाहे उस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी क्यों ना हो चाहे वह कंपनी से जुड़ा हुआ व्यक्ति ही क्यों ना हो,  यहां पहचान उठती है कंपनी के अस्तित्व कि यहां पहचान होती है कंपनी के द्वारा की गई सुविधाओं की,  क्या सारी कंपनियां सही रास्ते पर ही चलती हैं?
 नई तकनीक और कई सारे पुराने बंद होते हुए पारंपरिक माध्यम जिसके द्वारा एक कंपनी अपना प्रचार करती है,  परंतु कई सारी ऐसी कंपनियां हैं जो कि निर्भर है अपने कर्मचारियों के ऊपर जो कि एक तरह से कंपनी की पहचान जमीनी स्तर तक पहुंचाने में एक मुख्य भूमिका निभाते हैं,  पर क्या हो अगर उन कर्मचारियों को वह कंपनी अपने भरोसे में ना ले सके ?

 अनेको नई कंपनियां और उनके द्वारा की गई प्रतिस्पर्धा जिनमें कई सारे काबिल प्रशिक्षित कर्मचारी काम करते हैं यह सारे कर्मचारी  किसी भी कंपनी की पहचान और उसके अस्तित्व को बनाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं,  सभी कंपनियों का मूल लक्ष्य ग्राहक को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देना और उनका भरोसा जीतना,  भरोसे से ही बाजार में इन कंपनियों की पहचान बनती है,  परंतु इस प्रतिस्पर्धा की दौड़ में कई सारी ऐसी कंपनिया है  जो अपने कर्मचारियों के साथ कई सारी ऐसी बातें छुपाती हैं जो कि आने वाले समय में उस कर्मचारी के लिए भी बाजार में प्रतिस्पर्धा कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है, एक कर्मचारी जो कि किसी भी कंपनी की पहचान बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करता है कुछ कंपनियों के लिए वह सिर्फ एक कर्मचारी ही है,  यह कंपनियां सिर्फ यह समझती है कि किसी भी तरीके से आज नहीं तो कल किसी दूसरे कर्मचारी से वह उसी तरह से वही काम निकलवा लेंगे,  पर यह तब नामुमकिन सा लगता है जब बाजार में कंपनी अपनी छवि और पहचान खोने लगती है, 
 कई नयी कंपनियां इस उद्देश्य से बाजार में आती है कि वह अपनी गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान ना दे,  कुछ कर्मचारियों से सामान बाजार में ग्राहकों को बेचो जब तक बाजार में मांग है और उसके बाद जब कंपनी को यह एहसास होता है कि अब बाजार से उसकी मांग घटती जा रही है और लोगों को खराब गुणवत्ता के बारे में पता चल रहा है, तो कंपनी उस बाजार से निकलने में ही सहूलियत मानती है,  और उसके द्वारा रखे गए कर्मचारी जो की विकल्प के तौर पर कंपनी देखती है उन कर्मचारियों पर से ग्राहक का विश्वास और उसके साथ साथ बाजार का भरोसा भी खत्म हो जाता है,  इसमें कंपनी से ज्यादा उस व्यक्ति की छवि धूमिल होती है जो व्यक्ति अपनी छवि बनाए हुए उस बाजार में कई वर्षों से ऐसी कंपनी के लिए कार्य कर रहा था,  यह सिर्फ किसी एक देश की कहानी नहीं है एक कई सारे देशों में ऐसा होता है और कई सारी कंपनियां इस तरीके से अपने कर्मचारियों को बदलती है, 

 बाजार विश्वास भरोसा इन पर सबसे ज्यादा निर्भर होता है,  किसी भी कंपनी को जब अपना विश्वास या फिर भरोसा किसी बाजार से मिल जाता है तो उस कंपनी को वहां से अच्छी आय अर्जित होनी शुरू हो जाती है,  ग्राहक की संतुष्टि ही पहली प्राथमिकता कई सारी कंपनियां रखती हैं और वही ग्राहक आगे चलकर कंपनी को एक अच्छी खासी आय अर्जित करने में सहायता भी करते हैं,  परंतु इस प्रतिस्पर्धा के दौर में कई सारी कंपनियां ऐसी होती हैं जो कि अपने प्रतिद्वंदी को हराने के लिए या फिर बाजार में उस नाम के उत्पाद की छवि खराब करने के लिए एक नई कंपनी बनाती है या फिर उस बाजार में छोटी कोई कंपनी तैयार की जाती है उस कंपनी का कार्य सिर्फ इतना होता है कि किसी भी तरीके से मांग में कमी की जाए या फिर मांग को एक तरफ से परिवर्तित किया जाए दूसरी ओर, और कई सारे व्यक्ति ऐसे होते हैं जो विकल्प तलाशने वाले विभिन्न विकल्पों को चुनते हैं तो उन्हें यहां से एक नाकामी ही हासिल होती  है, 
 बढ़ती मांग बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ कई सारी नई कंपनियों का बाजार में आना और कई सारे ऐसे नए कर्मचारी जो की कंपनी की बातों पर विश्वास करके, भरोसा करके उस कंपनी के उत्पादों को बाजार में बेचने में सहायक भूमिका निभाते हैं,  जब ग्राहक और विक्रेता एक साथ इन सवालों को उठाते हैं की गुणवत्ता में कमी है तो उसके बाद उनके निशाने पर होते हैं वो कर्मचारी जो कि सीधे तौर पर इन व्यक्तियों के साथ संपर्क में रहते हैं,  और इन कर्मचारियों की छवि कंपनी के द्वारा ही खराब हुई होती है परंतु कंपनी विकल्प के तौर पर या तो कर्मचारी को बदल देती है या फिर उस बाजार को ही अलविदा कह जाती है, 
 इस प्रतिस्पर्धा भरे जीवन में सबसे ज्यादा एक नए छात्र को पहचानना जरूरी है कि किसी भी नई कंपनी में कार्य करने से पहले उस कंपनी की छवि और उस कंपनी के बारे में जरूर जान लें,  हां पर एक कई लोग कहते हैं कि जब तक कोई कुएं में नहीं पहुंचता उसे पता नहीं चलता है उसकी गहराई कितनी है,  इसी तरह जब तक कोई व्यक्ति नौकरी के लिए ऐसी कंपनियोमें आवेदन करता है,  तो उसे खुद से भी कंपनी के बारे में एक गहन पड़ताल करनी चाहिए,  कंपनी में कार्यरत पुराने कर्मचारी और जो कंपनी छोड़ चुके हैं यह कर्मचारी आपके लिए एक बड़ा उदाहरण हो सकते हैं, 

 "किसी को अपनी छवि बनाने में कई साल लग जाते हैं, और किसी को अपनी छवि मिटाने में कुछ मिनट यही दुनिया है, लोग आपको आपके अच्छे कर्मों से कम याद रखेंगे जो अपने बुरे काम किए हैं उससे आपको ज्यादा याद रखते हैं, "

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