शायद भविष्य कितना बदल जाएगा यह मुझे भी नहीं पता, आज मेरे द्वारा लिखे गए हर एक शब्द शायद कल किसी को याद भी ना रहे या फिर बढ़ती हुई नई तकनीक और एक तरफ से इंसानी जीवन में नई तकनीक का स्वागत शायद भविष्य में उसे पढ़ने से ज्यादा सुनने में दिलचस्पी बढ़ाए, हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे 20,30 साल पहले जो तकनीक आज हम इस्तेमाल कर रहे हैं, और जिस तेजी से हम तकनीक को अपना रहे हैं उस हिसाब से हमारे भविष्य में शायद हममें से कई लोग उन तकनीकों अपना ना पाए, मेरा कहने का मतलब इसलिए है क्योंकि जो व्यक्ति 20 साल पहले इन तकनीकों के बारे में नहीं जानता था उनमें से कई लोग आज भी इन तकनीकों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, उनमें से कई लोगों को नई तकनीक या तो पसंद नहीं आती और या तो उन्हें यह चलाने ही नहीं आती,
मुझे याद है हमारे बचपन में हम टेलीविजन जगत में होने वाली क्रांति को देख रहे थे, पहले ब्लैक एंड व्हाइट टीवी और उसके बाद फिर कलर स्क्रीन टीवी, उसके बाद मोबाइल का चलन जो कि टेलीफोन की जगह धीरे-धीरे करके हर घर में आने लगा, तकनीक ने यहां भी एक नया आयाम तय किया, लोगों को इंटरनेट के प्रति जागरूक करने में मोबाइल की बहुत बड़ी भूमिका थी, आज के दौर में लगभग अगर किसी व्यक्ति पास एक मोबाइल है तो वह 90 फ़ीसदी से ज्यादा का डाटा वर्क जिसमें कि उसकी जितनी भी सोशल वेबसाइट और जितने भी उसके अकाउंट हैं वह सारे के सारे वह ज्यादातर मोबाइल में ही इस्तेमाल करने को सहूलियत मानते हैं,
तकनीक का बदलाव हमें हर जगह दिखाई दिया है जैसे कि सुपरफास्ट ट्रेन है जो हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे, इसके अलावा जो नई तकनीक आई जैसे कि हमने अंतरिक्ष में भी एक बहुत ऊंची सफलता हासिल की मंगल तक अपने अंतरिक्ष यान को पहुंचाया, यह जो भी बातें हैं यह वर्तमान की और भविष्य में होने वाली घटनाएं काफी ज्यादा आपको आश्चर्यचकित कर देंगी क्योंकि मनुष्य विज्ञान में नए नए आयाम स्थापित कर रहा है और शायद मनुष्य अपने सांसद पर्यावरण और जो हमारे वातावरण है उसको भी बचाने के लिए कोई न कोई भविष्य के लिए अभी से रणनीति तैयार कर रहा होगा,
महामारी मनुष्य की सबसे बड़ी दुश्मन है जिसमें कि मानव सभ्यता ही खत्म होने की कगार पर आ सकती है, और इस महामारी से बचने के लिए मनुष्य को ऐसी नई तकनीको पर काम करना पड़ेगा क्योंकि आने वाले भविष्य में जो भी महामारी फैलेगी वो वर्तमान और बीते कल से कहीं ज्यादा घातक साबित हो सकती है, और युद्ध में भी ऐसे हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है जिससे कि इंसान इंसान का अस्तित्व खत्म करने के लिए आतुर हो जाए,
दुनिया भर में कई देश हथियारों के लिए नई तकनीक और अलग-अलग वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कुछ नए हथियारों पर भी काम कर रहे हैं, और यह तकनीक धीरे-धीरे से आम जनता तक भी पहुंचती है और इससे उनको भी लाभ मिलता है जैसे महामारी के दौर में एक कई देशों ने जो भी नई तकनीक तैयार की थी वह तकनीकी उन्होंने आम जनता तक पहुंचाने में भूमिका निभाई,
महामारी की लहरों से इंसान को सिर्फ तकनीक और विज्ञान ही बचा सकता है,
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