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मैं राष्ट्रवादी हूं i'm a nationalist


 मैं राष्ट्रवादी हूं राष्ट्र का गुणगान करता हूं
देश में पल रहे बढ़ रहे देश विरोधियों से लड़ता हूं 
मेरी विचारधारा इतनी कठोर है, जड़ों तक जो है समाए
इस विचारधारा को अपनाना आसान नहीं जिससे, 
पत्थर भी टकराए तो, पत्थर भी चकनाचूर हो जाए 

मैं मेरी विचारधारा समेटे हुए एक नई धारा 
इस प्रभाव को रोकना आसान नहीं 
बह जाएंगे वे सभी जो बेकाबू होकर बैठे हैं 
देशभक्त का नकाब ओढ़कर देश बेचने निकले हैं 

पहचानिये उन सभी को जो छाती पीटकर देशभक्ति जता रहे हैं 
अंधभक्तों की नाव में सवार होकर, 
देश के प्रति अनैतिक व्यवहार अपना रहे हैं 
राष्ट्रहित की बात करे जो वो राष्ट्रवादी कहलाता है 
इस कलयुग में सतयुग की शुरुआत आखिर कौन करना चाहता है?

मैं मेरी राष्ट्रभक्ति देशहित के लिए समर्पित है  
गुलाम नहीं हम किसी विचारधारा के, 
तन मन राष्ट्र निर्माण के लिए अर्पित है  
राष्ट्रहित और राष्ट्र के नवनिर्माण में हित अहित सब जानते हैं 
देश के गद्दारों को उनकी भाषा से पहचानते हैं 

मुझ जैसे कई हैं यहां जो खुलेआम कहते हैं 
पर हिम्मत और ताकत नहीं है इनपे क्यूंकि 
ये सत्ता के मोह से जुड़े रहते हैं 
इन देशभक्तों को राष्ट्रवादी नीतियों में बदलाव पसंद है 
अंधभक्त बनाकर उन्हें राष्ट्रवाद से जोड़ना इनका मनपसंद है 

मैं भी राष्ट्रवादी हूं और राष्ट्रहित के लिए कुछ भी कर गुजर जाऊंगा
नकली राष्ट्रवादियों को गद्दार, देशद्रोही, राष्ट्रवादियों से कहलवाऊंगा, 

 हमें समाज में पहचान करनी होगी ऐसे लोगों की जो कि नकली राष्ट्रवाद का चेहरा ओढ़कर  राष्ट्रहित की बात करते हैं,  दरअसल वह सिर्फ पहचान चाहते हैं, वे अपनी छवि बनाना चाहते हैं समाज में  एक सच्चे राष्ट्रवादी की जिससे कि उनके द्वारा कहे गए कोई भी शब्द एक राष्ट्रवादी की पहचान बन जाए,  उनके द्वारा कहे गए गद्दार लोगों को जो कि राष्ट्रवादी हैं वह गद्दार बन जाए,  आप समझिए एक  व्यक्ति अपनी छवि राष्ट्रवादी व्यक्ति के रूप में उभरता है,  जब काफी बड़ी संख्या में लोग उसका समर्थन करना शुरू कर देते हैं तो वह व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को गद्दार कहना शुरू कर देता है,  वह व्यक्ति एक तरह से  प्रमाण पत्र बांटना शुरू कर देता है कि कौन व्यक्ति देशद्रोही और कौन व्यक्ति देश भक्त हैं, 

 विश्व में अनेक नेता ऐसे हुए हैं और अनेक नेताओं ने अपने ही हित के लिए अपनी राष्ट्रवादी नीतियों को कुछ समय के लिए जगाया है, और सिर्फ चुनाव के समय एक तरह से जनता को अपनी और आकर्षित करने के लिए एक राष्ट्रवादी नीति बनाई है जिसमें की विकास की नीति बिल्कुल भी नहीं होती, उनका सिर्फ यह काम होता है कि राष्ट्रवादी के मार्ग पर चलकर आनेको वोट हासिल करें और ऐसे ही सत्ता में काबिज बने रहें और बाकी जितने भी विरोधी हैं उनको देशद्रोही का दर्जा दिया जाए, 
  कुछ लोग कठपुतलियों की तरह नाचते हैं और कुछ लोग इनको  अपने इशारों से नचाते हैं,  कई बार कह चुका हूं और आज भी कहता हूं कि विचारधारा की गुलामी और सोच से नाकाम इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी है, 
 स्वतंत्र हैं हम पर हमारी सोच स्वतंत्र नहीं  राष्ट्रवाद के नाम पर एक ऐसा खेल खेला जा रहा है जिसे आप समझ नहीं पा रहे हैं,  देशहित के लिए  हमेशा  जो देश के हित के लिए हो वही निर्णय लिया करो !

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