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में हूँ जोकर I'm clown

जो कुछ भी कर सके वह है जोकर
 सारे दुखों को खुशी में बदल देता है, 
खुद गम में रहकर भी वो हंस देता है, 
 में जो भी करूं मैं कुछ भी करूं,  क्यों ना मैं जोकर बनूँ 

 चेहरे के पीछे की मुस्कुराहट का गम ना समझे कोई
 न जाने कोई ना पहचाने कोई, में भी दुखी हूँ ना माने कोई, 
दुसरो के ग़मों को अपना समझ समेटता हूँ, 
 उदास चेहरों में हंसी  बनाए रखता हूँ, 

इन चेहरों की मुस्कुराहट से जीता हूं मैं, 
 जोकर हूं मैं और इसी तरह जीता हूँ में, 
 मेरी हंसी जो झलके कहीं,  अपने गमों को भूल हंसदे कोई, 

 इस चेहरे पर लगी हुई झूठी हंसी पर सब हँसते हैं, 
 पर मेरी खुद की हंसी पर आज मेरे अपने भी शक करते हैं, 
 जो शायद चेहरा ही ऐसा है कि अब मैं जोकर बन चुका हूं, 
 जो करना था वह कर लिया जिंदगी में, 
 अब इस जोकर के किरदार में मैं बस चूका हूँ, 

 जिंदगी में जो भी करना हो वह करो, 
 जोकर आपसे यही कहता है, जिंदगी में आप हमेशा खुश रहो
 जिंदगी एक पहेली है, 
खुशी के साथ जिए तो खुश रह पाओगे, 
 दुख और गमों को अगर समेटते हुए चलते रहोगे
 तो कभी जिंदगी में खुश नहीं रह पाओगे 

 इस पहेली भरी जिंदगी में एक एहसास रहता है,
 मैं जोकर हूं सभी को खुशियां देता हूं,
 फिर क्यों मेरा मन उदास रहता है,
 मुझे हंसाने वाला यहां कोई नहीं है, 
ना ही मेरे गमों को समझने वाला कोई है,

  उदासीन माहौल में भी खुशियां भर देता हूं,
 जिंदगी में हमेशा खुश रहो मैं सभी से यही कहता हूं,
 जिंदगी सिर्फ एक बार है, अगर खुशहाल ना जिएं 
 तो यह जिंदगी ही बेकार है,
जोकर की जिंदगी जिओ, खुद खुश रहो अपनों को भी खुश रखो, 


 हमारे अपने जीवन में हम अनेकों प्रयत्न जतन,  कठिनाइयों से रूबरू होते हैं,  और हमारे उदासीन चेहरे पर खुशी सिर्फ और सिर्फ हमारे अपनों या फिर चाहने वालों से ही हमें मिलती है,  जोकर सिर्फ यही कहना चाह रहा है कि आप अपने जीवन में खुश रहिए अपने गमों को भूलकर खुशी के अहसास को महसूस कीजिए,  जोकर हर तरह  से आपको खुश करने के लिए अपने चेहरों के हाव-भाव बदलता रहता है,  वह जानता है कि आप अगर खुश रहोगे तभी आप दूसरों को भी खुश रख पाओगे,  एक इंसान के तनाव उसके गुस्से  का असर उसके आसपास के माहौल और उसके अपनों पर भी बहुत पड़ता है, 
 आम जिंदगी में एक इंसान को यह एहसास ही नहीं हो पाता कि वह अपनी जिंदगी में खुश रहना भूल चुका है,  वह सिर्फ और सिर्फ एक जोकर की तरह दिखावे की हंसी से ही अपने आप को संतुष्ट करता जा रहा है,  शायद यह भी हो सकता है कि वह अपने वर्तमान में किए गए निर्णयों पर खरा नहीं उतरा हो,  और शायद यह भी हो सकता है कि भविष्य की चिंताओं में डूबकर अपनी चिंताओं को बेवजह बढ़ाए जा रहा हो, 
 हमने जो भी वर्तमान में किया है वह हमारी एक तरह से भूल भी हो सकती है या फिर हमने उन भूल से कुछ सीखा जरूर होगा, 

 बेवजह के मानसिक तनाव से इंसान को सिर्फ और सिर्फ बीमारियां होती हैं,  दुखी होने के लिए हमें बहुत सी वजह मिल जाएंगी  पर खुश होने के लिए हमें वजह ढूंढनी पड़ती है,  यह शब्द यहीं रह जाएंगे पर आप और हम शायद कल मिट जाएँ,   लोग जलते हैं उन्हीं से जो ख़ुशी से जी रहे हैं, वो शायद खुद भी वही ख़ुशी चाहते है, पर तक़दीर सभी को एक जैसी ख़ुशी नही देती...... और तक़दीर आपकी मेहनत पे निर्भर है. 

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