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जन सुविधा कहां है ? Where is the public facility?

क्या आप कोई बिल देते हो ? 
एक व्यक्ति हर महीने खुद से या फिर किसी और के द्वारा बिलों का भुगतान जरूर करता होगा, आखिर हम बिलों का भुगतान किस आधार पर करते हैं ? जो सुविधाओं को मुहैया कराई जा रही है, क्या उसकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है? जिन सरकारी स्कूलों में यह जिन अस्पतालों में हमें किसी ना किसी कारणवश जाना पड़ता है क्या उनकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है, 
अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी की सुविधाएं ले रहे हैं तो आपको सभी चीजों में बेहतर सुविधा मिल रही होगी, और उसके लिए आप अच्छी खासी धनराशि का भुगतान भी उन प्राइवेट कंपनियों को कर रहे होंगे, पर क्या कभी आपने इन बातों में गौर किया है, जो व्यक्ति सरकारी सुविधाओं का मोहताज है क्या उसे भी वह गुणवत्ता वाली चीजें मुहैया कराई जा रही होंगी ?

विश्व में कई विकासशील या फिर अविकसित देशों में यह चलन आम होता जा रहा है, विकासशील देश अपने आप को विकसित देशों की श्रेणी में पहुंचाना चाहते हैं, परंतु वे इस ओर ध्यान नहीं देते कि एक आम आदमी सरकारी सुविधाओं के ऊपर कितना ज्यादा निर्भर है, 

अगर कोई सरकारी कंपनी साफ पानी मुहैया नहीं करा रही होगी वहां मौका मिलता है इन प्राइवेट कंपनियों को, वे  आपको ऐसी-ऐसी मशीन मुहैया कराते हैं जिससे कि आप पानी को साफ करके पी सकते हैं, परंतु उसके लिए आपको कुछ ज्यादा रुपए उस मशीन को खरीदने के लिए भी अपनी जेब में रखने होंगे, 
दूसरा बात करते हैं जब बिजली की सुविधा रोजाना 24 घंटे सरकारी कंपनियों के द्वारा मुहैया नहीं कराई जाती है, इस अवसर का लाभ वे सभी इनवर्टर और बैटरी निर्माता कंपनियां उठाती हैं, और यहां भी इन उत्पादों को खरीदने के लिए  आपको अपनी जेब में अलग से कुछ रुपए रखने पड़ेंगे,
आपका बच्चा अगर सरकारी स्कूल में पढ़ता है, फिर भी आपके द्वारा आपके बच्चे के लिए आपने कई सारे ट्यूशन लगवा रखे होंगे, या फिर जिस विषय से संबंधित सामग्री व तकनीक उस छात्र को चाहिए वह विद्यालय में उपलब्ध ना हो,
परंतु बिलों का भुगतान हम सभी का करते आ रहे हैं,

जिस सड़क पर हम अपनी गाड़ी को रोजाना चलाते हैं, उस सड़क का टैक्स हम गाड़ी खरीदते वक्त ही सरकार को भुगतान कर देते हैं, परंतु क्या हमें अपने इलाके में वह सड़के सही मिलती है ?, अगर आप गाड़ी सही से चला भी लेते हैं फिर भी सड़क की हालत खस्ताहाल हो तो आपको क्या लगता है आप सुरक्षित घर पहुंच पाएंगे ?
बिल का भुगतान हम यहां भी कर चुके हैं, क्या हम इन चीजों के आदी हो चुके हैं या फिर पीढ़ी दर पीढ़ी हमें इसको सहने की आदत डालनी पड़ेगी, 

कई सरकारी अस्पतालों की हालत बदहाल है, एक व्यक्ति हमेशा यह चाहता है कि वह किसी भी बड़े अस्पताल में अपना इलाज करवाए अस्पताल बड़ा अपने क्षेत्रफल से नहीं होता, अस्पताल बड़ा होता है वहां पर रखी गई नई तकनीक और प्रशिक्षित डॉक्टरों के बल पर, चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी,
क्या बहुत सारे प्राइवेट अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों के मुकाबले बेहतर व्यवस्था नहीं है ? 
क्या यह अपने आप ही स्थापित होते चले गए, या फिर बदलते हुए समय के साथ सरकारी अस्पताल अपने आप को उतना विकसित नहीं कर पाए,

आप बिलों के भुगतान हर महीने हर साल देते हो पर इन चीजों में विचार एक बार जरूर कीजिएगा कि आपको उन बिलों के भुगतान से क्या सुविधाएं मिलती हैं ?, इंसान की मूलभूत जरूरतें हैं खाना, पानी, बिजली, घर, कपड़े, इत्यादि, और अगर  वही मूलभूत सुविधाएं इंसान को सही तरीके से, सही समय पर ना मिले, तो क्या हम यह कह सकते हैं ........
बिल का भुगतान सही समय पर जब नहीं किया जाता तो हमसे जुर्माना वसूला जाता है, अगर वही सुविधाएं हमें सही समय पर ना मिले तो उसमें भी कुछ जुर्माना होना चाहिए ?.....
एशिया अफ्रीका दक्षिण अमेरिका ऐसे कई देशों में बदहाल स्थिति आज भी कायम है,

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