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राजनीति politics






आज के दौर में जो एक आम आदमी की स्थिति है जो इतना प्रताड़ित हो चुका है राजनेताओं से उसे मैंने कुछ चंद पंक्तियों में कहा है !!

ये शोर नहीं सन्नाटा है , सुनता है सुनाता है
 आवाज़ जब उठाता है , कहता है चिल्लाता है 
ये शोर नहीं उत्पातों का , ये शोर है सन्नाटो का 
सच की किसको आन पड़ी , झूठ वही जो शान बड़ी 
रही बातों को छोड़ दो , सही बातों को तोड़ दो 
ये कलयुग है और पापी हर कोई होगा 
सच बोलने वाला भी अपना अस्तित्व खो देगा 

आवाज इतनी बुलंद हो , और हौसलों में उड़ान हो 
दबा ना सके कोई तुम्हें , इतनी तुम मे जान हो 
ताकत का दबदबा इतना सितम ढाता है 
गरीब को गरीब और अमीर को अमीर बनाता है
 पढ़े लिखे हैं बेरोजगार , अनपढ़ बनाए सरकार
 बदले नियत हजार बार , अपनों का ही रखे हर बार ख्याल 
 अनपढ़ के लिए है ताकत , और पढ़े-लिखे के लिए तकदीर 
फैसला करें जनता बनाए देश की हमेशा नई तस्वीर !!


आज की जो परिस्थिति है इस देश मेंजो चुनाव में लड़ते हैं जीतते है क्या आप जानते हैं उनमें से 70 , 80 फीसदी लोग किसी भी उच्च पद पर बैठने योग्य नहीं है पर फिर भी हम उन्हें जितवा कर एक विधायक का दर्जा देते हैं क्योंकि येां कोई न्यूनतम शिक्षा की सीमा तय नहीं है 

"ये शोर नहीं सन्नाटा है , सुनता है सुनाता है
 आवाज़ जब उठाता है , कहता है चिल्लाता है "
एक आम आदमी जब अपनी आवाज उठाता है , तो उसे मैंने बयां किया है जब वह अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं तो सरकार उसे सरकार विरोधी आंदोलन घोषित कर देती हैं ,और जब दंगे करते हैं ,सरकार एकदम खामोश हो जाती है वह सिर्फ आवाज उठाएगा कहता रहेगा और चिल्लाएगा , पर उसकी आवाज सुनने कोई उसके पास नहीं आएगा .

"ये शोर नहीं उत्पादों का , ये शोर है सन्नाटो का 
सच की किसको आन पड़ी , झूठ वही जो शान बड़ी "
जो भी दंगे हो रहे हैं उनका कोई शोर नहीं है , पर जो भी आंदोलन हो रहे हैं उनका शोर सरकार तक पहुंच रहा है ,
सच की किसी को जरूरत नहीं है येां झूठ बोल कर लोगों को आश्वस्त किया जाता है की हां हम आपके साथ हैं 

"रही बातों को छोड़ दो , सही बातों को तोड़ दो 
ये कलयुग है और पापी हर कोई होगा 
सच बोलने वाला भी अपना अस्तित्व खो देगा "
जो बातें रह गई है और जिनमें कुछ बात थी उन्हें सरकार द्वारा छोड़ दिया जाता है जो भी सही और सच्ची बात होती है उन्हें तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है ताकि वो अधूरी हो पर सच्ची हो, इस कलयुग में पापी हर घर में होगा , पाप की सीमा इतनी हद्द तक पहुंच चुकी है कि मनुष्य सिर्फ अपने लिए अपनी काया के लिए ही समर्पित हो गया है, सच आपके सामने कोई अगर कह दे किसी बात पे तो आप उसे झूठ बोलने की राह पे ही घसीटते हो, ऐसे समाज की स्तिथि हो चुकी है ।

"आवाज इतनी बुलंद हो , और हौसलों में उड़ान हो 
दबा ना सके कोई तुम्हें , इतनी तुम मे जान हो "
 आपकी आवाज भी बुलंद हो और हौसलों में ताकत हो क्योंकि तभी आप लड़ पाएंगे और मुकाबला कर पाएंगे इस भ्रष्ट सिस्टम से और अपनी बात सामने रख पाएंगे जिससे कि वह आपकी बात सुने भी आपकी राह में मुसीबतें अनेक आएंगी जो आपको हमेशा रोकने की कोशिश करेगी मंजिल में आपको दृढ़ निश्चय में रहना है और ताकतवर बने रहना है आपको लड़ना है उन सब मुसीबतों से और एक मिसाल पेश करनी है उन लोगों के लिए जो हार मान जाते हैं 


"ताकत का दबदबा इतना सितम ढाता है 
गरीब को गरीब और अमीर को अमीर बनाता है"
एक नेता हमेशा अपने लोगो की हितों की रक्षा के लिए ही रहता है , गरीबों के हितों के लिए वह कोई नए कदम नहीं उठाता गरीब गरीब होता जा रहा है , अमीर अमीर होता जा रहा है सांठगांठ का खेल है सिस्टम पूरा फेल है एक गरीब की व्यथा ये क्या जानते हैं , व्यापारियों से मिलीभगत तो होती है गरीबों को और ये सताते हैं !

"पढ़े लिखे हैं बेरोजगार , अनपढ़ बनाए सरकार
 बदले नियत हजार बार , अपनों का ही रखे हर बार ख्याल 
 अनपढ़ के लिए है ताकत , और पढ़े-लिखे के लिए तकदीर 
फैसला करें जनता बनाए देश की हमेशा नई तस्वीर !!
जो पढ़ा लिखा है वह चुनाव में इनको वोट देकर खुद ही बेवकूफ बन रहा है , कई नेता ऐसे हैं जो पढ़े-लिखे नहीं , कई ऐसे हैं जो भ्रष्ट हैं , और कई ऐसे भी हैं जो अपराधी हैं , हम चुनाव के लालच में इनको वोट देकर देश की स्थिति बद से बदतर कर रहे हैं यह सिर्फ अपनों का ही ख्याल रखते हैं , रिश्तेदार मित्र एवं परिवार अगर कोई भी पढ़ा लिखा है इस सत्ता में आ जाए उसके लिए तकदीर मात्र है ,  पर अगर अनपढ़ आ जाए तो वह ताकत समझता है इसे क्योंकि उसे नहीं पता कि यह सरकार कैसे चलाई जाती है ,
आप चुनाव में वोट डालते हैं तो आप लोग ही इन्हें चुनकर लाते हैं , फिर आप पछताते और विकल्प तलाशते है, पर आप नही जानते ये भी पक्ष में विपक्ष में एकसमान ही नज़र आते है ।।




ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहे धन्यवाद 



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