भाई-भतीजावाद क्या है अगर कोई किसी नौकरी में खाली पद पर अपने परिवार किस सदस्य को रख दे उसे कहते हैं भाई-भतीजावाद
भाई-भतीजावाद पूरे देश में फैला हुआ है, यहां आपकी काबिलियत की कद्र नहीं की जाती, यहां आपके पास होनी चाहिए पहचान, वह भी भाई-भतीजावाद की,
किसी प्राइवेट नौकरी में आवेदन करो वहां कई बार भाई-भतीजावाद चलता है, यहां कई सारे उदाहरण है जैसे कि आजकल बॉलीवुड की हालत है किसी भी घिसी पिटी फिल्म की कहानी पर उन स्टार बच्चों को ले लिया जाता है जो असल में अपनी परिवार की मदद से वहां तक पहुंचे हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि वह आपके दिमाग में इन अभिनेताओं की छवि को बैठाना चाहते हैं, जैसे पहले के कई सारे हीरो की छवि आपके दिमाग में बसती है फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय वह सारे मेहनत करके यहां तक पहुंचे और उनके बच्चे बगैर मेहनत के यहीं पर हैं .
देश में कई सारे ऐसे अभिनेता है, जिन्हें फिल्मों के ऑफर के लिए प्रोड्यूसर के चक्कर लगाने पड़ते हैं, और इन्हें देखिए यह घर बैठे बैठे ही फोन आ जाता है, कि आपको इस फिल्म में काम करना है, इनकी एक्टिंग एकदम खत्म है, क्योंकि इन्होंने कभी गरीबी देखी नहीं है, तो इनकी एक्टिंग में भी वह गरीब चेहरे की छाप मौजूद नही आएगी, क्योंकि वह छाप आपको साफ दिख जाती है उन अभिनेताओं में जो अपनी मेहनत से वहां तक पहुंचे हैं, उन्हें पता है कि एक गरीब की क्या स्थिति होती है, उसके चेहरे का हाव भाव क्या होता है,
कई सारे प्रोड्यूसर डायरेक्टर ऐसे थे, जिनकी मजबूरी थी कि इन स्टार बच्चों को अपनी फिल्मों में शामिल करना , क्योंकि उन्हें पता था अगर वे इन्हें शामिल नहीं करेंगे तो उनको बॉलीवुड इंडस्ट्री से बाहर कर दिया जाएगा, और इसका असर आपको दिख भी रहा होगा , आप किसी भी स्टार बच्चे की फिल्म उठा कर देख ले आप यह समझेंगे कि आपने अपना पैसा पूरा बर्बाद कर दिया है, वही आप अगर किसी ऐसे एक्टर की फिल्म देखें जो अपनी मेहनत से ऊपर पहुंचा है उसकी फिल्म की कहानी में आपको दम नजर आएगा जो कोई ना कोई संदेश आपको दे ही रही है,
यह भाई-भतीजावाद तो शुरुआत है, अभी यह सब स्टार बच्चे कुछ भी कह देंगे उनकी बातों को मीडिया में कई दिन तक चला जाएगा, यह होता है कि किसी एक व्यक्ति का प्रमोशन करना है, उस स्टार बच्चे को इतना ज्यादा टीवी में लाना क्योंकि जिससे कि उसे नई फिल्मों के ऑफर अपने-आप मिल जाएं, और इसमें वह मीडिया भी इतनी बेवकूफ है जो छोटी-छोटी खबरों को मसाला लगाकर उन एक्टरों की खबर को पूरे दिन भर चलाते हैं, उनको भी तो पैसा मिलता है, आप क्या समझते हैं कि जो न्यूज़ चैनल वाले हैं वे क्या ईमानदारी से काम करते हैं?
कई ऐसे मीडिया घराने हैं जिनके इन बॉलीवुड स्टार्स के परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं , और वे चाहते भी हैं कि इन लोगों को ही प्राथमिकता दी जाए हर जगह, कल आप हमसे कोई एक अगर किसी भी जगह चाहे वह बॉलीवुड हो, चाहे वह कहीं भी हो, नौकरी के लिए या फिर बॉलीवुड में काम के लिए जाएगा, तो आपको एक फिल्म मैं काम पाने के लिए कई सालों की मेहनत करनी पड़ेगी, अगर किस्मत अच्छी रही तो कुछ महीनों में ही कोई ना कोई ऑफर मिल जाएगा, परंतु इन स्टार बच्चों के लिए क्या है इनसे पूछा जाता है कि आप यह फिल्म करेंगे या नहीं और ऑफर खुद रिश्तेदारों की पहचान से मिल जाता है ,
अगर ऐसे परिवारवाद से यह बॉलीवुड चलता है तो धिक्कार है ऐसे भाई-भतीजावाद को देखना, आप देखिए अपना पैसा बर्बाद कीजिए, आजकल की फिल्में बस आपकी जेब से पैसा निकालना चाहती हैं, खासकर वह जिनमें स्टार बच्चे हो आखिर ऐसी बेकार सी फिल्मों को बनाने का मकसद क्या होता है? पहला तो उस स्टार बच्चे की बॉलीवुड में एंट्री करवाना, दूसरा बाहरी एक्टरों की फिल्मों को इनको दिलवाना जिससे उनका भविष्य तबाह हो जाए, और इसी वजह से कई एक्टर्स जो अपनी मेहनत से यहां तक पहुंचे हैं, और अपने सपने जब टूटते हुए देखते हैं तो फिर उनके पास कोई विकल्प नहीं होता जीने का, ऐसा कई एक्टर्स के साथ हो चुका है कुछ खुद से अपने आप हार मान के चले गए और कुछ इस दुनिया को अलविदा कह गए,
आपको मैं कहूंगा कि "कॉफी विद ....... " यूट्यूब पर एक बार जरूर देखें, भाई-भतीजावाद भरा पड़ा है इसमें बाहरी लोगों के ऊपर तो कई बार मजाक बना चुके हैं , ये मुझे पता है पर आपको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि कई लोग मरेंगे, कई लोग जिएंगे, पर आप इनकी फिल्में फिर भी देखेंगे, मैं आपको हमेशा कहूंगा उन फिल्मों को देखा कीजिए जिनमें कहानी हो, और एक्टिंग में दम हो,
कुछ स्टार बच्चे अच्छा भी कर रहे हैं, पर इसका मतलब यह नहीं है की मेहनत कर रहे हैं , बगैर कहानी वाली फिल्मों को लाने का एक मकसद यह भी होता है की प्रोड्यूसर आपसे अच्छा खासा पैसा ले ले, और उसके बाद किसी बड़ी कहानी पर काम करें, वह कहानी भी आपको पसंद नहीं आएगी क्योंकि जिस पर उसने काम किया था वह भी किसी पुरानी फिल्म से ही लिया गया हिस्सा था, इनके पास कहानी लिखने के लिए लेखक बहुत हैं पर इन प्रोड्यूसर्स को भी पता है कि जनता कुछ भी देख लेगी, जो उन्हें दिखाया जाएगा , भाई-भतीजावाद की गहरी जड़े आपको दिखेंगी सबसे ज्यादा राजनीति में, पूरा परिवार कोई ना कोई पद पर मौजूद है, जनता को मूर्ख बना के बस विजई होते जा रहे हैं, परिवारवाद की परिभाषा ही यही है कि एक सामान्य आदमी के पास मौका नहीं है वहां तक पहुंचने का, क्योंकि वह जगह पहले से भर चुकी है, या भरने वाली है किसी के द्वारा,
परिवारवाद को अगर आपको बहिष्कार करना है तो आपको उन लोगों का ही बहिष्कार करना होगा जो इस परिवारवाद की जड़ों में सम्मिलित हैं, जैसे बॉलीवुड का ही उदाहरण ले लीजिए उन सभी स्टार बच्चों का बहिष्कार कीजिए, जो पहले से ही स्टार थे हां अगर कहानी में दम हो तो और एक्टिंग में भी, तो आप जरूर देखें क्योंकि आप रुक नहीं सकते, और मैं क्या कोई भी नहीं रोक सकता आपको !!
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