मैं कह ना सका मैं रह ना सका
वह पल जो टूट गए , उस पल को अब मैं सह ना सका
आवाजों के शोर में एक आवाज़ धीमी सी थी
कानों तक पहुंची बहुत मीठी मीठी सी थी
लगे होठों तक पहुंचने वह आवाजों का जाल
समझने में थोड़ी सी देर क्या लगी
बीत गया पूरा साल
मैं कहता था वह सुनता था बातों को बातों मे बुनता था
उलझाने लगे मुझे जब वह अपनी बातों में
मैं उलझा था और वह सुलझा था
धीमी सी मुस्कुराहट चेहरे को बदल देती है
एक तस्वीर हमने भी बनाई थी
पर अब वह भी रंग बदल देती है
धुंधला सा है आसमान दूर तक कुछ दिखता नहीं
रंग बिखर गए सारे पर उन रंगों में वह रंग दिखता नहीं
अंतहीन उड़ान के समंदर पर पहुंचा मैं जब उस छोर पर
वापस आने की राह आसान नहीं लगी
मंजिल दिखी पर राह नहीं दिखी
धुआं सा हूं मैं हवा के साथ खो जाऊंगा
मुझे पाने की इच्छा मत रखो
मैं हाथों में आऊंगा पर पकड़ में नहीं आऊंगा
हवा के रुख से आंधियों की दिशा तय करते हैं
हम वह हैं जो भविष्य की चिंता से नहीं डरते हैं
ताकत है तो शक्ति का पूर्ण उपयोग करना जानो
अन्याय होते देख पीड़ित की मदद करना ही परम धर्म मानो
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