हम अपने आप में इतने ज्यादा खो चुके हैं कि हमें मालूम ही नहीं जिस रास्ते में से हम रोज गुजर रहे हैं वो रास्ता हमारे लिए नया ही है , पर हम उस पर ध्यान नहीं देते इसलिए वह हमें पुराना सा लगता है आप कहीं भी जाएं किसी भी सफर पर आप सिर्फ एक बार अपने चारों ओर जरूर देखिएगा आपको वह सब नजर आएगा जो आपको रोज नजर नहीं आता !
हम अपने मोबाइल फोन में इतने ज्यादा आजकल व्यस्त हो चुके हैं कि हमें प्रकृति की सुंदरता को देखने का मौका ही नहीं मिल पाता , आप एक बार किसी बस में बैठे , ट्रेन में या किसी भी सफर के लिए निकले आप कहीं भी बैठे हो , अगर आप एक बार अपनी नजरें चारों और दौड़ाएंगे आप महसूस करेंगे कि आप उन्हें महसूस कर सकते हो , वे क्या सोच रहे हैं उस वक्त आप उसे कुछ क्षण के लिए समझ सकते हो !
महसूस करके देखो एक बार अपनी जिंदगी में , हम ऐसे ही जिए जा रहे हैं जिंदगी को कुछ नया करो तभी तो जिंदगी जीने का मजा भी नया सा लगेगा , सबसे ज्यादा मन को शांति कहां मिलती है अगर आप किसी ऐसी जगह चले जाएं जहां आपके पास कोई मनुष्य ना हो तो आप महसूस करेंगे उस प्रकृति की सुंदरता को !
लोग शहरों में जाकर बस चुके हैं , अगर आप भी शहर से हैं तो आप कहीं खो से गए हैं और अपनी जिंदगी को भुला बैठे हैं , वही रोज की नौकरी , वही रोज का काम थोड़ी देर सुकून मिलता है जिसमें होती है नींद पूरी और आराम ,
पर नौकरी में इंसान खुद को भुला बैठता है जो बचपन उसने प्रकृति के साथ खेला था वह खो बैठता है , "आप " , "में ", "हम सब" कहीं खो से गए हैं शांत स्वभाव शांत मन की कल्पना आजकल करना नामुमकिन है क्योंकि उत्सुकता मन में रहती हो और जवाब जानने की हम आतुर रहते हैं !!
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