#Blacklivesmatter कुछ समय पहले तक यह ट्विटर पर नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा था पर आज क्या है हमारे अंदर इतनी जल्दी क्यों लोगों के प्रति हमदर्दी खत्म हो जाति है, क्या हम लोगों को रंग रूप से पहचानते हैं !
नौकरी में आवेदन करने से पहले एक आवेदन कर्ता को यही चिंता रहती है कि उसके रंग रूप से उसे नौकरी कहीं ना मिले हम लोग चमड़ी मात्र चीज को एक तरह से इंसान की पहचान समझ बैठते हैं यह भेदभाव शुरू तभी से हो जाता है जब हम विद्यालयों में अपनी शिक्षा ग्रहण करते हैं , हमारे मित्र हमारे सहपाठी हमें उस आचरण में डालते हैं !
मेरी कक्षा में भी कई सारे ऐसे मित्र थे जो रंग रूप से भेदभाव किया करते थे मुझे नहीं पता आज उनकी मानसिकता क्या होगी पर वो इंसान की अहमियत उसकी चमड़ी से पता करते थे उसके रंग से भी अगर आप काले हो तो आप समाज में एक अलग नजर से देखे जाओगे यह स्थिति सिर्फ एक देश की नहीं है यह स्थिति पूरे विश्व की है श्वेत अश्वेत यह भेदभाव करके इंसान खुद को बस एक ऊंचा दर्ज दिलवाना चाहता है पर मेरा यह मानना है की अश्वेत लोगों को आज भी उसी नजर से देखा जाता है जैसा पहले देखा जाता था , एक गुलाम के रूप में हमारे समाज की सोच ही ऐसी हो चुकी है नेता सत्ता के मद में चूर हैं और जनता अपनी परेशानियों से त्रस्त है यह भेदभाव की जो परिभाषा है चंद लोगों के द्वारा ही बनाई गई है पर उसे मानने वाले समाज के हर वर्ग के लोग हैं चाहे वह गरीब हो या अमीर हो आप खुद ही सोचिए ज्यादातर दुनिया भर के न्यूज़ चैनल में सिर्फ श्वेत लोगों को ही नौकरी पर क्यों रखा जता है किसी विज्ञापन में श्वेत व्यक्ति को ही क्यों दिखाया जाता है एवं ऐसे अनेक उदाहरण में दे सकता हूं जिनमें श्वेत लोगों को ही अवसर मिलता है कई कंपनियां इन चीजों से बहुत पैसे कमाती हैंऔर उनके खिलाफ कोई बोलता नहीं है क्योंकि उन्हें बड़े-बड़े राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है , आप मैं हम सब साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे तभी इस समाज को बदल सकेंगे
मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता मेरी आवाज बनने के लिए आपको मेरी आवाज बनना पड़ेगा , कुछ लोग इन चीजों को दबाने की कोशिश करेंगे वे जानते हैं इससे उन्हें खतरा है उनकी शक्तियां कमजोर हो सकती है मैं आपको आश्वस्त कर देता हूं अगर आप लोग साथ हो जाएं तो आपको कोई हरा नहीं सकता !
समाज में हमें इन चीजों को बदलना होगा सभी लोगों को मौका देना होगा पहले धर्म , फिर जाति, और उसके बाद रंगभेद यह सभी के सभी मुद्दे मनुष्य सभ्यता को कभी विकसित नहीं होने देंगे अगर हमें स्वीकार करना है तो उन चीजों को स्वीकार करो जो प्रकृति द्वारा दी गई है मनुष्य जिस भी रंग रूप में है वह आखिर मनुष्य है आप कैसे उसकी तुलना किसी जनवर से कर सकते हो आपके परिवार आपके समाज एवं आपका देश यह परिभाषित करता है कि आप रंगभेद को कितना ज्यादा अपनी जिंदगी में सम्मिलित कर चुके हो , किसी परिवार में जब कोई अश्वेत होता है उसे एहसास होता है भेदभाव का जो उसके मित्र उसके समाज के लोग एवं जहां वह नौकरी के लिए आवेदन करता है सभी जगह उसे भेदभाव का सामना करना पड़ता है यह समाज नहीं बदलने वाला इसको बदलने के लिए सब को मिलकर आगे आना होगा और इस भेदभाव रुपी समाज से दुनिया को आजाद करना होगा !
जीवन जीना सबका अधिकार है हम श्वेत अश्वेत के भेद में कई लोगों की जिंदगी यूं ही बर्बाद कर देते हैं आप अपने आसपास के माहौल को जरा देखिए एक अश्वेत व्यक्ति जो आप लोगों के बीच में है वह हंसने का दिखावा कर रहा है , असल में उसे जितने दर्द मिले है वह उन्हें छुपाने की कोशिश कर रहा है आप उसे यही समझते हो यह अपने जीवन में खुश है पर इस समाज के कई लोग कई जगह उसका बहिष्कार करते हैं !
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