विज्ञापन एक जरिया है जिससे कि एक आम आदमी को आसानी से किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए मजबूर किया जा सकता है, आप यह सोच समझकर ना बैठे कि आपकी मर्जी है कि आप क्या खरीदे क्या ना खरीदे दरअसल जब आपके सामने एक ही विज्ञापन को हजार बार लाखों बार दोहराया जाता है तो आपके पास कोई विकल्प नहीं होता उस विज्ञापन के उत्पाद को इस्तेमाल करने से परहेज करना,
आज के इस आधुनिक दौर में विज्ञापन अपनी छाप हर जगह छोड़ चुके हैं, यह जरूरी भी है उन व्यापार जगत के व्यापारियों के लिए जो कि एक तरह से अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, पर इसका यह मतलब नहीं है कि आम आदमी की मानसिकता के साथ कोई छेड़छाड़ हो क्या विज्ञापन एक आम आदमी की मानसिकता को निर्धारित करने में भी भूमिका निभाते हैं?
अगर कोई विज्ञापन आपके चेहरे पर हंसी या फिर कोई भावनात्मक झलक पैदा कर रहा हो, इसका मतलब यह है कि वह विज्ञापन सफल हो चुका है, और कई लोगों को भावनात्मक या फिर किसी अन्य तरीके से विज्ञापन अपने साथ जोड़ ही लेता है,
विज्ञापन जरूरत है एक प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के लिए भी और यह जरूरी इसलिए भी है क्योंकि जो ग्राहक है वह उसे पता होना चाहिए कि किस तरह से किसी नवनिर्मित तकनीक को इस्तेमाल करना है,
विज्ञापन जरूरत भी है और विज्ञापन एक तरफ से अभिशाप भी है, कई विज्ञापन भ्रामक तरीके से प्रचार करके कई लोगों की जेब आज भी लूटने को तैयार बैठे हैं, इन विज्ञापनों का रूप रंग बस यही बदलता है नए किरदार आते हैं और फिर दोबारा से अब को घटिया उत्पादों को बेचना शुरू कर देते हैं और आप भी उनकी भ्रामक बातों में आकर उत्पादों को इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाते हैं,
लोगों के भविष्य बदलने के लिए चमत्कारिक प्रयोग, नकली जड़ी बूटियों से निर्मित कुछ दवाएं जो बदल दे आपका जीवन, नौकरी हेतु जरूरत जिसमें इनको जरूरत होती है आपकी सारी जानकारी, डिस्काउंट सेल जिसमें पुराने और घटिया सामान को धड़ल्ले से बेचा जाता है, ऐसा नहीं है कि सारे विज्ञापन एक समान ही होते हैं, बस आपको समझ होनी चाहिए परखने की समझने की, पहचानना आना चाहिए कि कौन आपको सही जानकारी दे रहा है और आप कौन आप को बेवकूफ बना रहा है,
आज के दौर में सोशल मीडिया मैं हमारी दिनचर्या इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि हम ध्यान ही नहीं दे पाते कि कौन सा विज्ञापन हमें सही दिशा और सही लक्ष्य की ओर पहुंचा रहा है, इस भूलभुलैया भरी विज्ञापन की दुनिया में विज्ञापन आपकी जरूरत क्या पूरी कर पा रहा है या नहीं, यह पहचाना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं, एक तरफ तो विज्ञापन की वजह से कई लोगों की ज्ञान की क्षमता में रोजाना वृद्धि होती जा रही है, विज्ञापन के द्वारा किसी भी कंपनी या फिर सरकारी नीतियों की जानकारी आप तक आसानी से पहुंच जाती है, वहीं दूसरी तरफ कई लालची लोग भ्रामक विज्ञापन के जरिए आपको वह उत्पाद बेच देते हैं जो उत्पाद असल में है ही नहीं, या फिर आपकी निजी जानकारी का उपयोग करके कई जगह ठगी करना, इसके अलावा सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी निकालना जिसके जरिए वे लोग आपकी कई सारी निजी जानकारी का फायदा उठाकर आपसे ठगी कर सकते हैं, और या तो फिर डार्क वेब में उन जानकारियों को नीलाम कर सकते हैं,
विज्ञापन अब सीमित नहीं रहा है यह असीमित हो चुका है, अब विज्ञापन की सीमाएं सिर्फ पृथ्वी के भीतर नहीं बाहर भी है, विज्ञापन का अर्थ होता है प्रचार करना और यहां पर प्रचार उन सब वस्तुओं का होता है जिन्हें बनाने में मानव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है या फिर वह मानव के द्वारा निर्मित हो,
अच्छे विज्ञापन और बुरे विज्ञापन दोनों मानसिक रूप से इंसान को बीमार करते हैं, बार-बार चलते दोहराते वह विज्ञापन मानव दिमाग की अनंत गहराई में बस चुके हैं, शायद आपके भी दिमाग में कहीं ना कहीं कोई ना कोई विज्ञापन जरूर ऐसे ही बार-बार गूंजता होगा,
भ्रामक विज्ञापनों से हमेशा सावधान रहें, सारे विज्ञापन आपको आपके सामने नजर आते होंगे बस आपको यह पहचाना है कि कौन सा विज्ञापन आपकी जरूरतों को पूरा करता है और कौन सा विज्ञापन आपके लिए जरूरी नहीं है,
बदलती तकनीक में इस विज्ञापन की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, विज्ञापन भी अपने आपको आपकी जरूरतों के हिसाब से बदलता रहेगा,
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